Updated: 26-06-2025 at 3:31 PM
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निक्षय पोषण योजना स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय (MoHFW) द्वारा राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के तहत शुरू की गई एक योजना है। यह योजना विशेष रूप से टीबी (क्षय रोग) के मरीजों को प्रोत्साहन देने पर केंद्रित है। इस सरकारी योजना का उद्देश्य टीबी मरीजों को आवश्यक पोषण सहायता प्रदान करना है, ताकि उनकी ठीक होने की प्रक्रिया तेज हो सके। यह योजना 1 अप्रैल 2018 से सूचित सभी टीबी मरीजों को लक्षित करती है और इसके तहत धनराशि डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के माध्यम से प्रदान की जाती है।
निक्षय पोषण योजना के तहत, पंजीकृत टीबी मरीजों को हर महीने 500 रुपये का पोषण भत्ता या इतने ही मूल्य का खाद्य सामग्री का पैकेट दिया जाता है। यह सहायता मरीजों को ठीक होने में मदद करती है और उन्हें इलाज जारी रखने के लिए प्रेरित करती है। इस योजना का उद्देश्य इलाज के दौरान टीबी मरीजों की सेहत को बेहतर बनाना है।
2019 में दुनिया भर में लगभग 2.7 मिलियन टीबी मामलों में सबसे अधिक मामले भारत में थे। सरकार ने 2025 तक टीबी को खत्म करने के लिए निक्षय पोषण योजना जैसे कई कार्यक्रम शुरू किए हैं।
निक्षय पोषण योजना का मुख्य उद्देश्य टीबी (क्षय रोग) मरीजों को पोषण प्रदान करना है, ताकि उनकी ठीक होने की प्रक्रिया तेज हो और वे इलाज पर टिके रहें। इस योजना के तहत मरीजों को सरल और व्यापक लाभ दिए जाते हैं। इस योजना की कुछ खास बातें:
पोषण सहायता: हर महीने ₹1000 तक की नकद राशि या उतने ही मूल्य का खाद्य सामग्री पैकेट।
डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT): मातृत्व या बच्चों की देखभाल के अतिरिक्त लाभ सीधे मरीज के खाते में भेजे जाते हैं।
समावेशिता: यह योजना निक्षय पोर्टल पर पंजीकृत सभी टीबी मरीजों के लिए उपलब्ध है।
नकद या खाद्य सामग्री: राज्य सरकारें लाभ नकद राशि या खाद्य सामग्री के रूप में दे सकती हैं।
इस योजना का मुख्य उद्देश्य टीबी मरीजों की पोषण आवश्यकताओं का ध्यान रखना और उन्हें इलाज जारी रखने के लिए प्रोत्साहित करना है। योजना का लक्ष्य जरूरतमंदों तक सीधे मदद पहुँचाकर एक बड़ा अंतर पैदा करना है।
योजना के मुख्य उद्देश्य:
पोषण सहायता: टीबी मरीजों को नकद राशि या खाद्य सामग्री देकर उनकी ठीक होने की संभावना बढ़ाना।
इलाज पर टिके रहना: मरीजों को एंटी-टीबी इलाज जारी रखने के लिए प्रोत्साहित करना।
डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर: प्रोत्साहन राशि तेजी और प्रभावी तरीके से पहुँचाना।
यह योजना टीबी मरीजों को उनकी जरूरत के मुताबिक पोषण सहायता प्रदान करती है, जिससे उनकी सेहत में सुधार होता है। यह समय पर और सीधे सहायता प्रदान करके बेहतर इलाज के परिणाम सुनिश्चित करती है।
योजना के प्रमुख लाभ:
निक्षय पोषण योजना के तहत टीबी मरीजों को उनके इलाज के दौरान नियमित रूप से भुगतान किया जाता है। यह भुगतान हर महीने डायरेक्ट ऑब्ज़र्व्ड ट्रीटमेंट शॉर्ट-कोर्स (DOTS) की पूरी अवधि के लिए किया जाता है। नीचे इसकी पूरी समय-सारणी दी गई है:
मरीज का प्रकार | सामान्य इलाज की अवधि | पहला प्रोत्साहन | दूसरा प्रोत्साहन | तीसरा प्रोत्साहन | चौथा प्रोत्साहन | आगे के प्रोत्साहन |
---|---|---|---|---|---|---|
नया मरीज | 6 महीने | रजिस्ट्रेशन के समय | 2 महीने बाद (गहन चरण के पूरा होने पर) | 6 महीने बाद (इलाज पूरा होने के बाद जांच का परिणाम आने पर) | — | — |
पहले इलाज करवा चुके मरीज | 8 महीने | रजिस्ट्रेशन के समय | 3 महीने बाद (गहन चरण के पूरा होने पर) | 5 महीने के इलाज के बाद | 8 महीने बाद (इलाज पूरा होने के बाद जांच का परिणाम आने पर) | — |
ड्रग-रेजिस्टेंट टीबी मरीज | 24 महीने (9-12 महीने छोटे इलाज के लिए) | रजिस्ट्रेशन के समय | 2 महीने बाद (जांच का परिणाम आने पर) | 4 महीने बाद (जांच का परिणाम आने पर) | 6 महीने बाद (जांच का परिणाम आने पर) | हर 2 महीने में इलाज के अंत तक |
विशेष मामलों में | अगर इलाज की अवधि बढ़े | ₹ 1000/- प्रति महीने के हिसाब से एक महीने के लिए | ₹ 1000/- प्रति महीने के हिसाब से एक महीने के लिए | ₹ 1000/- प्रति महीने के हिसाब से एक महीने के लिए | ₹ 1000/- प्रति महीने के हिसाब से एक महीने के लिए | ₹ 1000/- प्रति महीने के हिसाब से एक महीने के लिए |
निक्षय पोषण योजना टीबी मरीजों को इलाज की पूरी अवधि के दौरान आर्थिक सहायता सुनिश्चित करती है। हर महीने भुगतान तब तक किया जाता है जब तक मरीज का इलाज पूरा नहीं हो जाता। नीचे समय-सीमा और भुगतान की अवधि का विवरण दिया गया है:
चरण | अवधि | आर्थिक सहायता | आवृत्ति |
---|---|---|---|
प्रारंभिक पंजीकरण | इलाज की शुरुआत | ₹1000 प्रति माह | मासिक |
चल रहा इलाज | पूरे इलाज के दौरान | ₹1000 प्रति माह | हर महीने भुगतान |
समाप्ति चरण | इलाज के अंत में | इलाज पूरा होने पर अंतिम भुगतान | एक बार का अंतिम निपटान |
निक्षय पोषण योजना का टीबी मरीजों के इलाज और उनके जीवन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है। इस योजना के सफल क्रियान्वयन से मरीजों की सेहत में सुधार हुआ है और आर्थिक बोझ कम हुआ है। योजना की सफलता निम्नलिखित बिंदुओं से समझी जा सकती है:
पोषण सहायता में बढ़ोतरी: योजना ने टीबी मरीजों को इलाज पूरा करने के लिए प्रोत्साहित किया है, जिससे बेहतर स्वास्थ्य परिणाम देखने को मिले हैं।
आर्थिक और सामाजिक दबाव में कमी: इस योजना ने समाज के गरीब तबके पर टीबी के इलाज से होने वाले आर्थिक और सामाजिक बोझ को कम किया है।
मरीजों और स्वास्थ्यकर्मियों दोनों ने इस योजना का समर्थन किया है, जो एक अच्छा संकेत है। ज्यादातर लाभार्थियों ने इस योजना के लिए धन्यवाद दिया है, जिससे उनके इलाज को आसान बनाया गया। योजना पर प्रमुख प्रतिक्रियाएँ:
मरीजों का नजरिया: मरीजों ने आर्थिक सहायता और खाद्य सामग्री तक बेहतर पहुँच के लिए योजना की सराहना की है।
स्वास्थ्यकर्मियों का समर्थन: स्वास्थ्यकर्मी इस योजना का समर्थन करते हैं क्योंकि यह मरीजों की ठीक होने की दर में सुधार लाती है।
टीबी मरीज जो इलाज करवा रहे हैं, वे इस योजना के लिए पात्र हो सकते हैं यदि वे निम्नलिखित शर्तों को पूरा करते हैं:
निक्षय पोषण योजना की आवेदन प्रक्रिया बहुत सरल है और इसे किसी भी पंजीकृत स्वास्थ्य संस्थान में पूरा किया जा सकता है। मरीजों की जिम्मेदारी है कि वे यह सुनिश्चित करें कि सभी जरूरी जानकारी सही ढंग से जोड़ी गई हो ताकि लाभ प्राप्त किया जा सके। आवेदन की प्रक्रिया:
इस योजना के लाभार्थियों को कुछ दस्तावेज़ जमा करने होते हैं, जो पहचान और फंड ट्रांसफर में सहायक होते हैं। आवश्यक दस्तावेज:
निक्षय पोषण योजना के तहत निक्षय आईडी बनाना आसान है। इसके लिए इन चरणों का पालन करें:
आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं।
अपने स्वास्थ्य केंद्र से संपर्क करें:
आवश्यक जानकारी दें:
वेरिफिकेशन:
पुष्टिकरण प्राप्त करें:
ई-निक्षय प्लेटफ़ॉर्म एक वेब-आधारित उपकरण है जिसे भारत में टीबी मरीजों का पंजीकरण और ट्रैकिंग के लिए विकसित किया गया है। यह इलाज की प्रगति का विवरण देता है और निक्षय पोषण योजना जैसी योजनाओं के भुगतान को सुगम बनाता है। यह सुनिश्चित करता है कि सहायता समय पर हर टीबी मरीज तक पहुंचे।
निक्षय मित्र वे स्वयंसेवक हैं जो टीबी मरीजों की मदद और प्रोत्साहन के लिए कार्य करते हैं। वे मरीजों को भावनात्मक, मानसिक और व्यावहारिक सहायता प्रदान करते हैं। इस पहल के तहत नागरिक और चैरिटेबल संस्थानों को निक्षय मित्र बनने और टीबी के खिलाफ लड़ाई में शामिल होने के लिए प्रेरित किया जाता है।
हालांकि निक्षय पोषण योजना लाभकारी है, लेकिन इसके कार्यान्वयन में कई चुनौतियाँ सामने आई हैं। मुख्य समस्याएँ जागरूकता, कनेक्टिविटी और लॉजिस्टिक्स से जुड़ी हैं:
भारत ने टीबी को नियंत्रित करने के लिए कई रणनीतियाँ अपनाई हैं। इन प्रयासों में:
एंड टीबी रणनीति: 2030 तक टीबी से होने वाली मृत्यु और मामलों को 80% तक कम करने का लक्ष्य।
निक्षय पोषण योजना: टीबी मरीजों को पोषण सहायता देकर इलाज को जारी रखने में मदद करना।
निक्षय पोषण योजना टीबी मरीजों को आवश्यक पोषण सहायता प्रदान करती है, जिससे उनके ठीक होने और पूरी तरह से स्वस्थ होने में मदद मिलती है। यह योजना टीबी के खिलाफ भारत सरकार की लड़ाई का हिस्सा है और टीबी से पीड़ित मरीजों के जीवन की गुणवत्ता को बेहतर बनाने का प्रयास है।
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